मुँह की समस्यायें

मुँह की समस्यायें होने पर व्यक्ति बहुत ज्यादा परेषान हो जाता है, और खाने पीने में बहुत तकलीफ होती है, वह ठीक से कुछ भी नही खा पाता है। मुँह के साधारण से छाले भी अधिक समय में भयानक रूप धारण कर लेती है।

कारणः मँह की समस्याये कुछ निम्न कारणों से होती है।

  • गर्म और अधिक मसालेदार भोजन करने से मुँह में जलन और घाव पैदा हो जाते है।
  • मुँह के छालों का सबसे बड़ा कारण पेट की गड़बड़ी है।
  • किसी मंजन या टूथपेस्ट से मँुह में एलर्जी का होना।
  • महत्वपूर्ण पोशक तत्वों (फोलिक एसिड और बी काम्ॅप्लेक्स) की कमी से और पाचन क्रिया का ठीक ना होना।
  • प्रतिरक्षाप्रणाली का कमज़ोर होने पर।
  • सिगरेट, तम्बाकू, और एल्कोहाॅल के ज़्यादा प्रयोग करने से।
  • खट्टी चीज़ों के सेवन के कारण।

मुँह का कैन्सरः सिगरेट, तम्बाकू, एलकोहाॅल के ज़्यादा प्रयोग से मुँह का कैन्सर हो जाता है। इस कैन्सर को ओरल कैन्सर भी कहते है। यह कैन्सर स्त्रियों से ज़्यादा पुरूशों में होता है। देष में 30 प्रतिषत लोग मुँह के कैंसर के मरीज़ होते है, एैसा इसलिए होता है, क्योकि देष में लोग दाँतो की सफाई की ओर ध्यान नही देते है।

मुँह के कैंसर के लक्षण

(1) मुँह, जीभ, और मसूड़ों पर लाल या सफेद पैच होना, और मुँह के अन्दर सुन्नपन हो सकता है।
(2) मुँह में एक या अधिक घावों का तीन सप्ताह से अधिक होना ठीक नही है।
(3) कुछ भी निगलने में बहुत परेषानी होती है।
(4) दर्द या मुँह में रक्त का बहना।
(5) एक ढीले दाँत किसी या किसी भी चोट के या कारण के बिना होता है।
(6) गर्दन और जबड़े में दर्द।
(7) अधिकतर आवाज का़ बैठना, इसमें ग्रसनी को प्रभावित करता है, ये कैंसर में ज़्यादातर देखा जाता है।
(9) मुँह में अक्सर स्वाद में परिर्वतन होता रहता हैं। कभी खट्टा, कड़वा या स्वाद में परिर्वतन होता रहता हैं।
(10) कान में दर्द होता रहता हैं, कभी एक तरफ या दोनो तरफ गले से और कभी कान तक पहुँच जाता है।
(11) गले में सूजन या गले में गाँठ भी हो सकती है।
(12) मुँह खोलने और चबाने में परेषानी होती है।

जीभ के कैंसर के लक्षणः
जीभ पर घाव नज़र आते है, कुछ लाल सफेद पैच नज़र आते हैं। जीभ में सूजन आ जाती है। कान में भी दर्द हो सकता हैं, और दर्द आसपास तक फैल जाता है।

टाॅन्सिल कैंसर का लक्षण: टाॅन्सिल का तुरन्त इलाज किया जायें नही तो आगे चलकर कैंसर का रूप धारण कर लेते है, और गंभीर अवस्था बन जाती है। यह गर्दन में एक ट्यूमर की तरह होता है। यह कान और गले में दर्द पैदा का सकते हंै, और गले में खराषें भी पैदा हो जाती है, और रक्तस्त्राव भी हो सकता है।

गाल के कैंसर के लक्षण: गाल के अन्दर का कैंसर है। इसमें आरम्भ में दर्द नही होता है, लेकिन यह जैसे जैसे बढ़ता है, दर्दनाक होता जाता है। इसमें रक्त बहता है, और कुछ भी चबाने में कठिनाई हो सकती है।

मुँह के छाले और जीभ के छाले:मुँह के छाले गाल, जीभ या होंठ के अन्दर होते है। मुँह के छाले हो या जीभ के छाले व्यक्ति इसमें बहुत परेषान रहता है। मुँह के छालो के कारण व्यक्ति ठीक से खाना नही खा पाता है, और पाचन क्रिया भी खराब हो जाती हैं।

मुँह के छाले और जीभ के छालों के कुछ घरेलू उपचार

(1) मुलेठी का काड़ा बनाकर दिन में चार बार गरारा करें इससे मुँह के छालों को बहुत आराम मिलेगा, और जल्द से जल्द ठीक हो जायेंगे।
(2) हरे धनिये का रस लगाने से आराम मिलता हैं, ओर सूखे धनिये को उबाल कर उसक पानी से गरारे करने से मुँह के छाले ठीक हो जाते है।
(3) पानी में षहद को मिलाकर कुल्ले करने से मुँह के छालों को बहुत आराम मिलता है।
(4) चमेली की पत्तियां चबाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।
(5) मुँह के छालों में कपूर पाउडर भी लाभकारी है।

मँुह में छाले होने पर क्या करें और क्या ना करें? सवाल यह उठता है।

  • मुँह मंे छालों होने पर मुँह साफ रखना चाहियें।
  • अगर आपके मुँह में छाले हो तो यह आपकी पेट की खराबी के कारण हो सकते है, इसलिये अपने खाने पूरा ध्यान रखें ओर हल्का खाना खायें।
  •  अगर छाले लाल हो तांे षहद चाटें, इससे छाले जल्दी ठीक हो जाते है।
  • छालों के लियें वैसे तो बहुत सी दवाइ्रयाँ मिलती हैं।

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