मतली और उल्टी

उल्टी एक जैविक सुरक्षा तंत्र है, यह पेट सामग्री की सषक्त मौखिक निश्कासन को दर्षाता है, जो एक पलटा की गतिविधि है। उल्टी आने से पहले पेट में बहुत बैचैनी होती है। यह षरीर के विशाक्त हानिकारक पदार्थो उल्टी के माध्यम से बाहर निकालता है। उल्टी कई षर्तो के कारण होने वाला एक आम लक्षण हैं। यह अक्सर पेट के संक्रमण के कारण होती है। यह गर्भावस्था में होने वाला एक लक्षण भी है। मतली और उल्टी दोनो बहुत ही सामान्य लक्षण है। यह कैंसर के उपचार के दौर से गुज़र लोगों में सबसे आम हैं, यह लक्षण बच्चों और व्यस्कों में होते है।

कारणः
उल्टी के सामान्य कारण

  • विशाक्त भोजन
  • आत्रषोध
  • सर्जरी
  • ज़्यादा खाना खाने पर
  • रोग के कारण
  • चोट या मस्तिश्क की चोट के कारण
  • सिर दर्द के कारण गर्भावस्था

गर्भावस्था में उल्टी के कारण

  • कुछ दवायें
  • घृणित स्थान
  • घृणित गंध

बच्चों में उल्टी के कारण

बच्चों में उल्टी का सबसे आम कारण वायरल संक्रमण और विशक्त भोजन हो सकता है। 

  • गंभीर दस्त
  • खाँसी
  • उच्च बुखार
  • ज़्यादा खाना

षिषुओं में और युवाओं में आँतो की खराबी भी निरंतर उल्टी का कारण बन सकती है।
अगर निरंतर उल्टियाँ आती रहे तो यह एक गंभीर परिस्थिति बन सकती है। ऐसी स्थिित में तुरन्त चिकित्सक की परामर्ष लेना चाहियें।

उपचारः
अमरिया फार्मेसी ने मतली और उल्टी के उपचार के लिए एक प्रभावी विधि लाया है। हमारे उत्पाद 100: षु़द्ध सामग्री से तैयार किये है।

हमारे उत्पादों में से कुछ निम्नलिखित समस्याओं के उपचार में बहुत प्रभावी रहें है।

अर्क पुदीना हाजि़म– यह मतली और उल्टी, अम्लता, पेट फूलना और अन्य पेट की समस्याओं के लिए बहुत प्रभावी उपचार है। यह हरे रंग पुदीने की पत्तियो से बना हैं। यह पानी की आवष्यक्ता को पूरा करता है।

अम्बरी ग्राइप वाटर– यह षिषुओं और बच्चों में मतली और उल्टी को रोकने और उस समय की समस्यओं का एक हर्बल सीरप है। यह बच्चो में कैल्षियम और विटामिन की कमी को दूर करके षक्ति देता है।

मतली और उल्टी में ध्यान रखने योग्य बाते-

  • अपने षरीर को पूर्ण आराम देना।
  • केवल हल्का और सादा खाना खायें।
  • ठंडे और तरल पदार्थो का सेवन करें।
  • एक बार में पेट भर खाना न खायें थोड़ा थोड़ा करके खायें।
  • साफ पानी पिये, और पानी खूब पियें।
  • इलैक्ट्रोलाइट की कमी होने पर ओआरएस का उपयोग करें।

मतली और उल्टी में क्या न करें-

  • अधिक चिकने, तले, भुने, मसालेदार खाद्य पदार्थो के सेवन से बचना चाहियें।
  • खाने के बाद किसी भी गतिविधि से बचें।
  • उल्टी बंद होने तक किसी भी ठोस पदार्थ का सेवन न करें।
  • किसी भी विरोधी भड़काऊ दवाओं औक्र पेट की खराबी वाली दवाओं के सेवन से बचें।