कुश्ठ रोग

कुश्ठ रोग एक गंभीर संक्रामक रोग है, जो जीवाणुओं के कारण होता है। यह मुख्य रूप से मानव त्वचा, ष्वसन पथ की ष्लेश्मिका के ऊपरी भाग, तन्त्रिका तंत्र, आँखों और षरीर के अन्य भागों को प्रभावित करता है। यह रोग कुरूप त्वचा, हाथ पैर और तन्त्रिका क्षति का कारण बनता है। प्रचीन काल से यह ज्ञात किया गया हैं कि यह एक गंभीर रोग हैं, जो कुरूपता का कारण बनता हे। अगर इस रोग की समय रहते चिकित्सा न की जाये तो बहुत गंभीर स्थ्तिि में आ जाता है, और यह माँसपेषियों की कमज़ोरी का कारण बनता है। इस रोग का खतरा व्यस्को की अपेक्षा बच्चों में अधिक होता है। यह रोग वंषानुगत और यौन सपर्क से नही फैलता हैं। ऐसे कुश्ठ रोगी जिनका उपचार लम्बे समय से नही हो रहा है, इन रोगियों के सम्पर्क में अधिक रहने से कु़़श्ठ रोग फैल सकता है।

कुश्ठ रोग के प्रकार– कुश्ठ रोग मुख्यतः तीन प्रकार का होता है, जो इस प्रकार हैं।

तन्त्रिका कुश्ठः इस प्रकार के कुश्ठ रोग में प्रभावित क्षेत्र की संवेदनषीलता समाप्त हो जाती हैं। उस स्थान चोट लगने या सुई चुभाने पर भी किसी प्रकार का कोई दर्द नही होता है।

ग्रन्थि कुश्ठः इसमें षरीर की त्वचा पर धब्बें या चकत्ते पड़ जाते है, या गाँठें सी बन जाती है।

मिश्रित कुश्ठः इसमें षरीर के प्रभावित क्षेत्र में चकत्ते पड़ जाते है, गाँठे निकल आती है और उस क्षेत्र की संवेदनषीलता समाप्त हो जाती है। यह बच्चों में अधिकतर देखने को मिलता है।

कारणः कुश्ठरोग जीवाणु माइका्रेबैक्टीरियम लेप्री के कारण होता है।

कुश्ठ रोग दुनिया भर के देषों षीतोश्ण कटिबन्धीय और उश्णकटिबन्धीय जलवायु में होने वाली एक आम समस्या है, लगभग 100 मामले प्रतिवर्श सामने आते है। कुश्ठ गरीबी में रहने वाले लोगो के बीच अधिक सामान्यतः रूप से होता है, एक संक्रमित व्यक्ति की नाक से तरल पदार्थ के साथ संपर्क करने के लिए जाना जाता है।

लक्षणः कुश्ठ रोग परिधीय नसों त्वचा और मस्तिश्क और रीढ़ की हड्डी और बाहर तन्त्रिकाओं को प्रभावित करता है। यह आँख और नाक के अन्दर की पतली परत के ऊतको को हानि पहुँचाता है।

  • कुश्ठ रोग के लक्षण कई सप्ताह या महीनों के बाद दिखाई देते है।
  • त्वचा में घाव, गाँठ या त्वचा का पीला दिखाई देना।
  • तन्त्रिका तन्त्र की क्षति के लिए नेतृत्व करता है।
  • मांसपेषियों में अत्यध्कि कमज़ोरी लगना।

कुश्ठ रोग उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया के सम्पर्क में आने के बाद, प्रकट होने के बाद आमतौर पर 3 से 5 वर्श में लक्षण दिखाई देते है, और कुछ लोगों में 20 साल के बाद कुश्ठ विकसित होने पर लक्षण दिखाई देते है। बैक्टीरिया के साथ सम्पर्क और लक्षणों की उपस्थिति के बीच के समय को ऊश्मायन अवधि कहते है।

उपचार-
अमरिया फार्मेसी  कुश्ठ रोग के विभिन्न प्रकार की चिकित्सा के लिए उत्पाद तैयार किये है। हमारे यह उत्पाद हर मेडिकल पर उपलब्ध हैं, हमारे उत्पादों में विरोधी कवक, विरोधी बैक्टारियल गुण मौजूद है, जो बैकटीरिया को मारता है, तथा कुश्ठ रोग की उत्पत्ति को रोकता है।

कुश्ठ रोग के उपचार के लिए हमारे उत्पाद इस प्रकार प्रभावी है।

क्यूरिंग लोषनः यह विरोधी कवक और विरोधी बैक्टीरियल लोषन है, जो कुश्ठ से प्रभावित अंगों पर बहुत लाभकारी है।
मरहम राहतः यह एक एंटीसेप्टिक क्रीम है, यह प्रभावित क्षेत्र पर बाहर से लगायें, इसके विरोधी कवक और विरोधी बैक्टीरियल गुण इस रोग में बहुत लाभकारी है।

प्योर एंड क्लीनः यह कैप्सूल रक्त को षुद्ध करते है, तथा कुश्ठ रोग की चिकित्सा कों सम्भव बनाते है, यह एक एंटीसेप्टिक रक्त षोधक है। यह त्वचा रोग के विभिन्न प्रकार जैसेः-खुजली, मुँहासे, धब्बे या विभिन्न प्रकार के त्वचा सम्बन्धी समस्याओं को रोकता है।