महिला स्वास्थ्य की समस्यायें

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महिलाओं का स्वास्थ्य- आज ज्यादातर लोग यौन समस्या से पीडि़त है, भारत में लगभग 10 करोड़ से ज्यादा लोग यौन विकारों से ग्रस्त है। एक स्वस्थ महिला का सेक्स, खराब स्वास्थ्य वाली महिला की तुलना में सिर्फ तीन या चार साल बढ़ता है। चिकित्सा वैज्ञानिको का अधिकतर ध्यान पुरूष सैक्स को बढ़ाने वाली औषिधयों की खोज में लगा हुआ है। महिलाओं में सैक्स की इच्छा कम होती जा रही है, इसके लिए भी चिकित्सको को ध्यान देना चाहिये। महिलाओं में सैक्स कम हाने की कुछ समस्यायें होती है।

ल्यूकोरिया- प्रदर रोग सभी उम्र की महिलाओ में एक आम समस्या है, यहाँ तक की युवा लड़कियाँ भी इस समस्या से ग्रस्त हैंे। यह महिलाओं के जीवन की एक ऐसी स्थ्ािित होती है, जिसमें स्त्रियों का योनि क्षेत्र प्रभावित होता है, इसे श्वेत प्रदर स्त्राव भी कहते है।

कारण

  • रक्त की कमी
  • अधिक कमज़ोरी

महावारी- महावारी महिलाओं की एक आम समस्या है, प्रजनन अंगों में हाने वाले परिवर्तनों के आर्वतन चक्र को महावारी कहते है। यह सामान्यतः दो, चार, पाँच, दिन चले तो चिन्ता का कोई कारण नही होता है, लेकिन ज़्यादा या कम होने पर इसका उपचार करना चाहिए।

ज़्यादा महावारी के कारण

  • गर्भाशय के अस्तर में कुछ निकल आना
  • रक्त के थक्के बनने के कारण
  • अधिक दबाव
  • थायराइड ग्रन्थि के रोगो के कारण

बाँझपन- यह प्रजनन प्रणाली का एक रोग है, जिसके कारण महिलाओं के गर्भधारण में खराबी आ जाती है। आज कल महिलाओं मेें यह समस्या आम हो गयी है, जिसके कारण सुरक्षित यौन संम्बन्ध बनाने पर भी महिलाओं गर्भ धारण करने में असमर्थ रहती है।

कारण- बाँझपन के कई कारण होते है।

  • पुराने समय से किसी रोग से ग्रस्त रहने पर।
  • कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव से, या जीवनशैली।
  • हार्मोन की कमी, या हार्मोन असंतुलन होने पर।
  • वज़न बढ़ने पर प्रजनन क्षमता में कमी।
  • ऐलकाॅहोल का अधिक सेवन।
  • जानबूझ कर गर्भपात करने पर।
  • यौन संचारित रोग।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यू0टी0आई0)- यह मूत्राशय और गुर्दो का संक्रमण होता है।
कारण

  • गुर्दे में कोई रूकावट या पथरी
  • मूत्रत्याग करने पर जो थोड़ा मूत्र रह जाना।
  • अधिक लगातार सम्भोग करना, या सम्भोग में जलन होना।
  • मुत्राशय की सफाई न रखना।
  • एक सहभागी या कई के सहभागियों के साथ सेक्स।

यूनानी दवाओं के द्वारा इसका सुरक्षित उपचार किया जा सकता है। अंग्रेज़ी दवाओं की तुलना में प्राकृतिक दवायांे में कोई दुष्प्रभाव नही होता है, यह दवायें स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल सुरक्षित होती है।

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