स्वास्थ्य समाचार (जिका वायरस)

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इबोला वायरस के बाद दुनिया भर में आतंक फैलाने के लिए एक नया रोग ‘‘ज़ीका वायरस‘‘ आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ज़ीका वायरस को ग्लोबल इमरजेन्सी घोषित किया हैं। ज़ीका वायरस ब्राज़ील और कई देशों में फैल गया है, और इन प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले लोगो के माध्यम से अन्य देशों में फैलने की संभावना है।
जि़का वायरस सन् 1952 में पहली बार मनुष्य के शरीर में युगांडा और तनजानिया में पाया गया। जि़का वायरस की खोज 1940 में अफ्रीका में की गयी थी, लेकिन अब यह लैटिन अमरीका में भी पहुँच गया है।यह वायरस 2015 में ब्राज़ील में पाया गया, इसके अलावा एक्वीडोर एल सलवाडोर, कोलम्बिया, ग्वातेमाला,मैक्सिको हायाती आदि देशों अमें देखा गया है।
जि़का वायरस रोग क्या है़?

यह एक संक्रमित मच्छर एडीज प्रजाति का होता है, जो रोग मुख्य रूप से एक ही दिन में डेंगू मच्छर के काटने से भी ज़्यादा सक्रिय कारण बनता है। यह गर्भवती स्त्रियों में अधिक फैलता है, इस रोग में नवजात शिशु का सिर छोटा होता है, और उन बच्चों में अन्य रोगों की समस्या बनी रहती है, क्योकि आरम्भ से ही उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है।

लक्षण इस रोग की उत्पत्ति होने पर कुछ सामान्य लक्षण जैसेः-बुखार, हल्का सिर दर्द, जोड़ो का दर्द, उल्टी, आँखों का गुलाबी होना, बैचैनी और लाल दाने या धब्बे दिखाई देते है। इसका प्रभाव 2 से 7 दिनों के बाद अधिक दिखाई देता है।

कारण- एडीज प्रजाति का एक मच्छर, जिसके काटने पर ज़ीका रोग फैलता है।
अगर एक संक्रमित व्यक्ति दूसरे देश में जाता है, और उसे कोई दूसरा मच्छर काटता है, तो उस क्षेत्र में भी वायरस फैलने के आसार बढ़ जाते है।

बचने के उपाय- सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये क्यांेकि यह मच्छर रूके पानी में पनपता है, इसीलिए पानी को ढककर रखे और कही पानी न भरा रहने दें, और मच्छरो से बचाव करें।

सामान्य उपचार- ज़ीका वायरस से लड़ने के लिए किसी दवाई या इंजेक्शन की खोज नही हो पायी है, इससे पीडि़त व्यक्ति को आराम करना चाहिये, खूब पानी पीना चाहियें, और सामान्य दवाई
लेनी चाहियें।

ज़ीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर के काटने से बचाना चाहियें, क्योकि वह मच्छर जब दूसरों के काटेगा तो वह भी अस रोग से ग्रस्त हो सकते है।

निर्देश- सीडीसी के द्वारा गर्भवती महिलायों को यह सलाह दी जा रही है, कि वह प्रभावित देशों में न जायें। प्रभावित क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को मच्छर दानी मच्छरो से बचने वाली की्रम का प्रयोग करना चाहियें, और अस रोग के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहियें।
भारत में ज़ीका वायरस का खतरा- भारत में अभी तक यह वायरस नही आया है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति ज़ीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र से वापस आये तो उसको विशेष ध्यान देना चाहियें और कोई भी लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य विभाग को बताना चाहियें।
वायरस की जाँच- ज़ीका वायरस के कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त रक्त की जाँच करानी चाहियें, इस जाँच के द्वारा ज़ीका वायरस का पता लगाया जा सकता है।

भारत ने बनाया जि़का वायरस का पहला टीका- दुनिया में तेज़ी से बढ़ रहें, इस वायरस के खिलाफ टीका तैयार कर लिया है। भारत की बायोटेक कंपनी ने मच्छरों द्वारा फैलने वाले ज़ीका वायरस की रोकथाम के लिए एक टीका विकसित कर लिया है। यह कम्पनी जल्द ही दुनिया के लिए पहला टीका ज़ीकावैक का एलान करेगी।

भारत में अभी तक ज़ीका का कोई मामला सामने नही आया है, किन्तु यहाँ भी पूर्ण सावधानी रखना होगी। इस वायरस का प्रकोप उत्तरी और दक्षिण्ी अमेरिका में बहुत तीव्रता से बढ़ रहा है, जिसके कारण छोटे सिर वाले बच्चे जन्म ले रहे है। चिकित्सक इस बात से बहुत चिंतित कि यह वीषाणु गर्भ में पल रहे, बच्चों को हानि पहुँचा सकता है, क्योकि ब्राज़ील में इसका

असर सामान्यतः नवजात शिशुओें में छोटे सिरो के साथ जन्म ले रहें बच्चों में देखा गया है, इसीलिए गर्भवती महिलाओं के लिए ज़ीका विषाणु बहुत खतरनाक है। ब्राजील में अक्टूबर से अब तक 3,893 गंभीर केस देखे गये है।
इसीलिए मध्य और दक्षिण अमरीकी देशों में महिलाओं से यह कहा जा रहा कि वो अभी गर्भधारण न करें।
स्वास्थ्य मंत्रालय प्रणाली ने एक तकनीक समूह के रूप में ज़ीका वायरस के प्रसार की उत्पत्ति पर निगरानी को मज़बूत करने और आवश्यक कदम सुनिश्चित करने का फैसला किया है।

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