भारत में सामान्य स्वास्थ्य

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सामान्य स्वास्थ्य रोग और भारत की रोकथाम प्रणाली

भारत में आबादी के स्वास्थ्य के अनुसार सामान्य स्वास्थ्य की माप कर,े ‘‘सामान्य स्वास्थ्य के रूप में ‘‘बीमारी और दुर्बलता के अभाव में शारीरिक, मानसिक और समाजिक भलाई के राज्य के रूप में एक अच्छे स्वास्थ्य को परिभाषित किया गया है। एक सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति हमारी शिक्षा और रोज़गार सहित रोज़मर्रा की गतिविधियों में भाग लेने के लिए है।
सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रो के रूप में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों को एक लम्बे समय से समाज के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भारतीय स्वास्थ प्रणाली लागू की गयी है। सभी मेट्रो और उपनगरीय क्षेत्रोें में निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रो और अस्पतालों की व्यवस्था की जाती है।

प्राथमिक स्थिति– भारत के गरीबो लोगो को बहुत कठिन परिस्थितयों का सामना करना पड़ता है। महगें उपचार और आरोपो के कारण निजी और स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए ग्रामीण और शहरी लोगो की पहुँच के बीच एक व्यापक अंतर किया जाता है, जो वास्तव में उनके लिए बहुत दुखद है। भारत के लोगो में 70 प्रतिशत गरीब निर्धन हालत में रहते है, जो सरकारी और निजी स्वास्थ्य केन्द्रो तक सीमित नही पहुँच पाते है। अधिकतर ग्रामीण लोगो में वैकल्पिक उपचार चिकित्सा गाँवों में अनपढ़ चिकित्सक द्वारा प्रदान की जाती हैं।

भारत के विभिन्न लोगो को रोग संक्रमण और बहुत से स्वास्थ्य मुद्दे की चुनौतियो का सामना करना पड़ता है।
प्राथमिक स्वस्थ्यः स्वास्थ्य की अनियमितताओं का कारण गठिया, अफसाद, फेफड़े और दिल की बीमारी, मोतियाबिन्द, मस्तिष्क सिंड्रोम जैसे कई गंभीर रोग हो सकते हैंे।

माध्यमिक स्थिति- एक माध्यमिक स्वास्थ्य स्थिति प्राथमिक स्वस्थ्य मुद्दों के एक परिणाम के रूप में होती है।
भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के रूप में अमरिया फार्मेसी हमारी मदद के लिए जागरूकता बढ़ा रही है। भारत में हर्बल और यूनानी उत्पादों की लोकप्रियता को बढ़ाने में माप्यता प्राप्त है। हम संसार भर में यूनानी उत्पादो को बढ़ावा देने के लिए नेटवर्किग संसाधनों का उपयोग कर रहे है। हम पुरूष महिलाओं शिशुओं के लिए अपने उत्पादों को विभिन्ना श्रेणियों में प्रदान करते है।

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